Saturday 11 February 2017

महर्षि देवल

देवल  

देवल नाम के दो ऋषि प्रसिद्ध हुए हैं। हरिवंश पुराण के अनुसार एक देवल प्रत्यूषवसु के पुत्र हुए और दूसरे असित के पुत्र थे। ये दूसरे देवल अप्सरा रंभा के शाप से 'अष्टावक्र' हो गए थे। 'गीता' के अनुसार यही देवल धर्मशास्त्र के प्रवक्ता थे।

आज भी देवल स्मृति उपलब्ध है, पर इसका निर्माणकाल बहुत बाद का है।देवल वेदव्यास के शिष्य थे।धार्मिक अथवा देवता की पूजा करके जीविका अर्जित करने वाले व्यक्ति को भी 'देवल' कहते हैं।'र' और 'ल' में अभेद होने से देवर को भी देवल कहते हैं।[1]

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

ऊपर जायें↑ देवल (हिंदी) भारतखोज। अभिगमन तिथि: 11 सितम्बर, 2015।

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