Tuesday 14 February 2017

Vivekanand and Modern Tradition

The Shrimad Bhagavat Geeta is a holy book (an established truth and science) not only for Hindu's (Sanatan Dharma) but also for every religion which gives common sense to correlate the people of all religions. According to its main statement the God is creator of every one and we should do our deed for best of the human. It gives a strong base to connect every people of the world. This was the main aim of Swami Dayanand Saraswati to Caste and Swami Vivekanand (Narendra Nath)to Religion.

Thursday, July 23, 2015

गर्ग के गुरु भारद्वाज के गुरु बाल्मीक के पिता वरुणदेव का पिता कश्यप और इस प्रकार भारद्वाज के गुरु कश्यप और इस प्रकार गर्ग के भी गुरु कश्यप तथा वशिष्ठ के पुत्र शांडिल्य के मामा कश्यप। तो मामा और गुरु अगर बड़े होते हैं तो मै, कश्यप स्वयं शांडिल्य और गर्ग से बड़ा हुआ। इस प्रकार सूर्यवंश(कश्यप गोत्रीय क्षत्रियों) द्वारा निर्धारित तीन श्रेष्ठतम गोत्र (गर्ग, गौतम, शांडिल्य) में से केवल गौतम मुझसे बड़े हुए। वरिष्ठता सभी अनुमानित लगभग 105 मानव जगत के गोत्रों पर कश्यप की है । उनसे केवल गुणवत्ता में वशिष्ठ और गौतम श्रेष्ठ हुए। यह भी सत्य की ब्राह्मणत्व की दृस्टि से सर्वोच्च गोत्र भृगु ही है इसमे कोई संदेह नहीं यहां तक की श्रीकृष्ण ने अपने को ऋषियों में भृगु ही कहा है। [गलत फहमी दूर हो लोगों से की दशरथ के बहन का विवाह वशिष्ठ से हुआ था वरन सत्य यह है की दशरथ स्वयं कश्यप ऋषि के अवतार जरूर थे पर कश्यप ऋषि के कुल की कन्या का विवाह वशिष्ठ ऋषि से हुआ था वह दशरथ अवतार से पूर्व की बात है। और वर्तमान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में ही मतलब कश्यप ऋषि द्वारा बसाये गए कश्मीर में ही कश्यप कुल की इस कन्या और वशिष्ठ से जन्म ली संतान शांडिल्य का जन्म हुआ था।)

गर्ग के गुरु भारद्वाज के गुरु बाल्मीक के पिता वरुणदेव का पिता कश्यप और इस प्रकार भारद्वाज के गुरु कश्यप और इस प्रकार गर्ग के भी गुरु कश्यप तथा वशिष्ठ के पुत्र शांडिल्य के मामा कश्यप। तो मामा और गुरु अगर बड़े होते हैं तो मै, कश्यप स्वयं शांडिल्य और गर्ग से बड़ा हुआ। इस प्रकार सूर्यवंश(कश्यप गोत्रीय क्षत्रियों) द्वारा निर्धारित तीन श्रेष्ठतम गोत्र (गर्ग, गौतम, शांडिल्य) में से केवल गौतम मुझसे बड़े हुए। वरिष्ठता सभी अनुमानित लगभग 105 मानव जगत के गोत्रों पर कश्यप की है । उनसे केवल गुणवत्ता में वशिष्ठ और गौतम श्रेष्ठ हुए। यह भी सत्य की ब्राह्मणत्व की दृस्टि से सर्वोच्च गोत्र भृगु ही है इसमे कोई संदेह नहीं यहां तक की श्रीकृष्ण ने अपने को ऋषियों में भृगु ही कहा है। [गलत फहमी दूर हो लोगों से की दशरथ के बहन का विवाह वशिष्ठ से हुआ था वरन सत्य यह है की दशरथ स्वयं कश्यप ऋषि के अवतार जरूर थे पर कश्यप ऋषि के कुल की कन्या का विवाह वशिष्ठ ऋषि से हुआ था वह दशरथ अवतार से पूर्व की बात है। और वर्तमान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में ही मतलब कश्यप ऋषि द्वारा बसाये गए कश्मीर में ही कश्यप कुल की इस कन्या और वशिष्ठ से जन्म ली संतान शांडिल्य का जन्म हुआ था।)

Dr. Vivek Kumar Pandey at 3:45 AM

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